अहसास हुआ मुझे, कि तराश दिया इस तूफ़ान ने और बना दिया इक नयी उड़ान के काबिल। अहसास हुआ मुझे, कि तराश दिया इस तूफ़ान ने और बना दिया इक नयी उड़ान के काबिल।
एक ग़ज़ल...। एक ग़ज़ल...।
खिड़की...। खिड़की...।
सूरज की किरण...। सूरज की किरण...।
कुछ साँसें...। कुछ साँसें...।
कमल तेरी फिज़ूल कलम से...। कमल तेरी फिज़ूल कलम से...।